Chief Editor Dr Sumangala Jha

सम्पादकीय : पारा गर्म है

धमाकेदार मार्च के बाद मौसमी तापमान के साथ-साथ चुनावी पारा भी अपनी गर्मी से जनता को खुदबुदा रही है। चुनाव प्रचार आरोप-प्रत्यारोप के लिए सभी पार्टियों ने कमर कस ली है। समाजवादी पार्टी के अलावे अन्य कई पार्टी के नेताओं ने तुष्टिकरण की नीति के तहत हत्यारों के प्रति भी अपने उदारवादी उदगार प्रकट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

ज्योतिषाचार्य के अनुसार सूर्य ग्रहण का प्रभाव मनुष्यों पर भी होता है तो कुछ नेताओं के राजनीतिक भविष्य पर भी ग्रहण लगना स्वाभाविक ही था परन्तु हर पुरुषों की सफलता के पीछे स्त्री का सहयोग होता है , इसलिए चुनावी मैदान में भ्र्ष्टाचार के आरोपी नेताओं की पत्नियों ने (खेजरीवाल एवं हेमंत सोरेन) भी मोर्चा संभाल रखा है। तीक्ष्ण बुध्दि वाले दारू घोटालेबाज, मोफलर धारी, चश्मिश ने कई खुराफातों के अलावे जेल में भी आम-मिठाई खा कर अपनी मिठास बढ़ाते हुए, सरकारी तन्त्र तथा न्यायिक प्रक्रिया पर ऐसे-ऐसे आरोप लगाये हैं कि कुछ सरकारी-तन्त्र भी अपने सम्मान की रक्षा के लिये क्रियाशील हो गए हैं।

वैशाख गर्मी के साथ नवीन फसलों के उत्पाद के आगमन के संदर्भ में कुछ विशेष त्यौहार भी धूम-धाम से मनाए जाते हैं। ईद तो खुशी-खुशी सम्पन्न हो गई लेकिन इसके बाद जिहादियों द्वारा रामनवमी के अवसर पर जहाँ-तहाँ पत्थरबाजी एवं बमबारी भी हुई है। विपक्षी इंडी गठबंधन के अनुसार हिन्दू-मुस्लिम के बीच यह भेद - भाव रहित भाई-चारे को मजबूती प्रदान करने शैली है। मौसमी तथा चुनावी तापमान का पारा गर्म होने के बावजूद वैशाखी, गुड़ी-पड़वा, जुड़-शीतल आदि त्योहारों को भी जैसे-तैसे मनाया गया है। चुनावी सरगर्मी हो एवं पश्चिम बंगाल में हिन्दुओं की हत्याएं न हो यह असम्भव ही है पश्चिम बंगाल के नांगल में हिन्दू नेता की हत्या मुसलमानों द्वारा पत्थर एवं बॉम्ब के हमले से हो गयी जिसे ममता सरकार का मुस्लिम तुष्टिकरण कहना उचित होगा क्योंकि दोषियों के खिलाफ कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई है।

पश्चिम बंगाल तथा केरल के ही तर्ज पर आजकल कर्नाटक में भी भाई-चारा मजबूत करने के लिये तुष्टिकरण की नीति को अपनाया जा रहा है जिसमें हिन्दू भाई- बहनों को मुसलमानों का चारा बनाने के लिए यहाँ भी आतंकवादी गतिविधियों में सक्रियता है। सरकारी तन्त्र का यह हाल हुआ कि यातायात को भी धत्ता दिखा कर मुख्य सड़क पर इफ्तार पार्टी की गई है। वोकलिंगा एवं अन्य दलितों का आरक्षण कम कर मुस्लिम आरक्षण को प्रश्रय दिया गया है। गरीबों को देश के टैक्स के पैसे से मुफ़्त राशन तो पहले से ही मिल रहा है लेकिन यहां की कोंग्रेस सरकार मुफ्तखोरों को अनगिनत मुफ्त की रेवड़ी बाँट कर राज्य को जाने किस दरिद्रावस्था में ले जा रही है,यह तो वक्त ही बताएगा।

देश को विभाजित कर, मुस्लिम की तुष्टिकरण करने करने वाली कोंग्रेसियों की सरकार अपने स्वार्थ के लिए अपनी नीचता के प्रदर्शन पर सबसे निचले स्तर पर आ गयी है। रामेश्वरम कैफे के बम ब्लास्ट मामलों पर लीपापोती करने वाली सिद्दरामैया की सरकार में जबरन एकतरफा लव-जिहाद की शिकार, हिन्दू लड़की की कॉलेज प्रांगण में मुस्लिम लड़के द्वारा की गई हत्या को भी काफी हौले से लिया है। बात-बात पर लम्बी जुबान वाली प्रियंका वाड्रा एवं अन्य कोंग्रेस के नेता भी चुप रह, लड़की का पिता जो कोंग्रेस के ही नेता है उन्हें भी न्याय दिलाने, आरोपियों को पकड़ाने में उदासीनता दिखा रहे हैं। यद्यपि इससे पहले भी कोंग्रेस के नेता का ही घर जिहादी आतंकियों द्वारा जला दिया गया था परन्तु कर्नाटक के कोंग्रेसी हिन्दू नेताओं की आँखें नहीं खुलनी थी और अभी भी नहीं खुली है। बर्बरतापूर्ण कृत्यों की गंभीरता को कोंग्रेस के बड़े हिन्दू नेता भी शायद तब तक स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं जब तक कि काफिरों (हिन्दुओं) की हत्या को जायज़ ठहराने वाले अत्याचारियों द्वारा उनका अपना ही घर न जल जाए।

यह समझना कठिन है कि कोंग्रेस के हिन्दू नेता मजबूर हैं या बेवकूफ हैं ? जाने किस लोभ के चश्मे को पहनने के कारण 'ये' न तो धर्म या धार्मिक संस्थाओं की रक्षा कर पाते हैं, न ही देश का भला कर पाते हैं और न ही हिन्दू समाज या अपने नेताओं के परिवार की रक्षा कर पाते हैं। राहुलसुर या सोनियाँ जी का खजाना भरने वाले उनकी चरण-वन्दना करने वाले ये लोग खेजरीवाल नमूने के स्टाइल में फ्री बिजली, फ्री पानी, फ्री बस यात्रा आदि जाने कितने फ्री वादे कर, कर्नाटक को कई क्षेत्रों में असुरक्षित बना चुके हैं।

सबसे हास्यप्रद है ! मुफ्त पानी के चक्कर में कर्नाटक आज पानी-मुक्त बन गया है मशहूर टेक सिटी बैंगलोर आज टेंकर सिटी बन गया है। युवा एवं बड़े-बड़े अट्टालिका में रहने वाले लोग पानी के अभाव से होने वाली समस्याओं से जूझ रहे हैं लेकिन सिद्दरामैया की सरकार है इसलिए कोंग्रेसियों के खिलाफ बोलना, जिहादियों के खिलाफ प्रदर्शन करना घृणा फैलाने के तहत आती है, सत्य बोलने वालों को जेल भी होती है।

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