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फरेबी I-N-D-I-A जमात

यह फरेब है क्या ?

केंद्र सरकार में विरोधी राजनितिक पार्टियों ने बैंगलोर के १८ जुलाई के सम्मलेन में अपनी एक जमात बनाई है।इस जमात में कुछ तो सजायाफ्ता चोर हैं (जैसे चारा चोर का RJD), कुछ कथित रूप से चोर हैं (जैसे टोंटी चोर जैसे अखिलेश यादव का SP), कुछ तथाकथित घोटालेबाज हैं (जैसे राहुल गांधी का कांग्रेस, ममता बनर्जी की TMC, शरद पवार का NCP, फारूख अब्दुल्ला की NC, हेमंत सोरेन की JMM), कुछ पार्टियां कथित रूप से फिरौती और वसूली पार्टियों की सरकार के नाम से मशहूर रहे हैं (जैसे उद्धव ठाकरे व NCP का MVA, लालू यादव का RJD), तो कुछ भारत के विभाजन के समय से ही कट्टरवादी विचारधारा से सम्बंधित रही है (जैसे केरल की IUML, कश्मीर की पीडीपी, तामिलनाडु और केरल की हिन्दू विरोधी DMK, CPI(M)।

जब १८ जुलाई को इन कथित चोरों, घोटालेबाजों, फिरौतीबाजों व जिहादियोंकी जमातों का सम्मलेन हुआ था तो उनके दो मुख्य अजेंडे थे। पहला तो यह कि चोरों, घोटालेबाजों व फिरौतीबाजों के ऊपर भ्रष्टाचार के चल रहे केंद्रीय जाँच एजेंसियों को कैसे रोका जाए ? यह उल्लेखनीय है कि इन घोटालेबाजों की जमात ने सुप्रीम कोर्ट में भी अपने ऊपर चल रहे जाँच रोकने की गुहार लगाई थी जिसे खारिज कर दिया गया था।अब ये सब साथ मिलकर ऊँची आवाज उठा रहे हैं ताकि विदेशों से इन्हें कुछ सहानुभूति मिल सके।लेकिन इन सबों के एक साथ मिलने का मुख्य उद्देश्य एक ही है कि किसी भी तरह २०२४ में मोदी सरकार को हराया जा सके जिससे ये फिर खुले आम देश की संपत्ति को लूट सकें। I-N-D-I-A नामक अलग गुट बनाने के अनेक पहलुओं पर अलग-अलग मत हैं (पढ़ें "I-N-D-I-A of Thugs? Part-1”, https://thecounterviews.com/articles/i-n-d-i-a-of-thugs-part-1/) I

ये सब अपने पूर्ववर्ती सामूहिक नाम UPA से बचना चाहते थे जो घोटालों से रक्तरंजित था। नितीश ने पटना में इसे PDA नाम दिया था जो समूह के सबसे बड़े चोरों और घोटालेबाजों को परेशान कर रहा था इसीलिए कुछ ऐसा नाम देना आवश्यक था जिसे आम जनता की हेय भावना से बचाकर उनकी संवेदना से जोड़ा जा सके। इसीलिए इस समूह को नाम दिया गया कि NDA या लोग को सरेआम उनकी चोरी घोटालेबाजी को घातक दलों के भ्रष्टाचारों से जोड़ने से बचे।फरेबियों की जमात ने जान बूझ कर अपना नाम I-N-D-I-A रखा ताकि ये चुनाव प्रचार के दौरान अपने आप को INDIA बता कर कुछ सहानुभूति पा सकें। इनका अमुमान था कि कोई भी INDIA को घोटालेबाज कहने से बचेगा और इनकी जीत सुनिश्चित होगी।वैसे किवदंती है कि हिन्दुओं का वोट पाने के लिए ये अपना नाम विष्णुतथा मुसलमानों का वोट पाने के लिए अल्ला भी रख सकते थे जिससे कोई हिन्दू या मुसलमान क्रमशः इन्हें चोर या घोटालेबाज न कह सके। तब अगर ये अपना नाम ‘विष्णु या अल्ला’ रख पाते तो ये अपनी जनता से अपनी जमात के भ्रष्ट लोगों को मंदिर में पूजा के लायक या मस्जिदों में अजान के लायक बता सकते थे और लोगों को भावनात्मक ब्लैकमेल करते लेकिन इसके लिए कट्टरवादी मुसलमान नेता शायद तैयार न हों। अभी भी इंडिया INDIA नाम रख कर ये भ्रष्टाचारी भारतीयों के संवेदनाओं से ही खेल रहे हैं।


फरेबी मानसिकता और चोला

अब घोटालेबाजों के इस समूह को सरेआम सोशल मिडिया पर INDIA नाम पर ही गालियाँ पड़ रही है चाहे जिस भी रूप में हो, जिससे ये तिलमिलाने भी लगे हैं ।इन्हें SIMI, इंडियन मुजाहिद्दीन आदि से भी जोड़ा जा रहा है।यह तो सत्य ही है कि नाम का चोला बदलनें से इनकी करनी नहीं बदलती।ये चोर और घोटालेबाज थे, हैं और और तब तक रहेंगे जबतक इनका आचरण नहीं बदलता। इनका समूह झूठ और फरेब की पराकाष्ठा है।ये गांधी का नाम चिपकाए लोगों को खुलेआम धोखा देते हैं।अब लोग पूछने लगे हैं कि फिरोज गेंडीके वंशज गांधी कैसे हो गए ? ये अपने आप को गांधी जी से तुलना करने में भी नहीं हिचकिचाते। 

Fake Gandhi

ये देश को अपमानित करने तथा बेचने को तैयार रहते हैं। २०२० के शाहीनबाग आंदोलन में के घातक दलों में से ज्यादा का स्पष्ट हाथ या उनकी सहमति थी। अब तक मोदी सरकार का यह दावा रहा था की उनके सरकार में साम्प्रदायिक दंगे नहीं होते। मणिपुर और मेवात के दंगों ने इसे खोखला सावित कर दिया है। अब ऐसा भी अनुमान लगाया जा रहा है की मोदी सरकार की छवि बिगाड़ने में ये किसी हद तक गिर सकते हैं। हाल के महीनों में मणिपुर दंगे, ३१ जुलाई को हरियाणा के मेवात, नूँह में साम्प्रदायिक दंगों में इनमें से कुछ के हाथ होने से इंकार नहीं किया जा सकता। संभव है आगे भी इनकी साजिशें छाती रहे जिससे ये मोदी सरकार की छवि बिगाड़ने की कोशिश करें।

अपने ६० सालों के शासन में इन्होनें भ्रष्टाचार पर भ्रष्टाचार किए हैं। इन्हें ‘हिन्दुस्तान के ठग’ के नाम से भी जाना जानें लगा है। इस इंडिया समूह के अन्य दल भी भ्रष्टाचार में माहिर हैं और लोगों का मानना है कि उनका परिचय उनके ललाट पर ही लिखा है, भ्रम की कोई गुंजाइश नहीं।

लालू, तेजस्वी, अखिलेश, राहुल, सोनियाँ, चिदंबरम, शरद पवार, अब्दुल्ला, ममता की पार्टी के अनेकानेक नेतागण भ्रष्टाचार से लिप्त हो अदालतों द्वारा दिए गए जमानत से जेल जानें से अभी तक बचे हैं कि इन्हें “बेल गाड़ी, Bail Gadi” का सवारी माना जानें लगा है।सिर्फ इंडिया नाम का चोला पहन कर ये कहाँ तक बचेंगे ?

२०२४ के लोक सभा चुनाव पर असर

जहाँ तक २०२४ के लोक सभा चुनाव का सवाल है, इन चोरों के अलग अलग विचारधारा वाली जमात का विकट परिस्थिति में एक साथ होना ही यह बताता है कि ये घोटालेबाज सामूहिक रूप से मोदी सरकार की असीम उपलब्धियों से डरे हैं चाहे वे गरीबोन्मुख नीति हो, भारतीय गौरव हो, भारत का विश्व सामान हो, भारत की आर्थिक व सैन्य शक्ति हो, यहाँ हो रहे विकास हो या अंतर्राष्ट्रीय पटल पर भारत की बढ़ते कद (पढ़ें “What Makes Modi so Special for India?”, https://thecounterviews.com/articles/what-makes-modi-so-special-for-india/ and “Successes and Failures of Modi Govt”, https://thecounterviews.com/articles/74th-republic-day-successes-and-failures-of-modi-govt/).

यह कोई साधारण बात नहीं कि सालों से मोदी विश्व भर में शीर्ष नेता रहे है।उन्होंने अपना सारा समय भारत के उत्थान के लिए दिया है और भारत में मोदीजी ने एक ऐसी अकेली सरकार दी है जिसनें लगातार ९ साल भ्रष्टाचार मुक्त शासन किया है। मोदी से पहले भ्रष्ट नेता यह मानकर चलते थे कि वे भारतीय क़ानून व्यवस्था से ऊपर हैं और कोई उन्हें छू नहीं सकता लेकिन अब सारे भ्रष्ट नेता डरे हुए, सहमे हैं चाहे वह कोई भी हो। पहली बार भारत के गरीबों, शोषितों, बंचितों, पिछड़ों, बेसहारों को मोदी सरकार का साथ मिला है जो यह अनुभव कराता है कि वे एक स्वतंत्र व समृद्ध देश के नागरिक हैं। सिर्फ एक बात की कमी है कि भारत के हिन्दू अब तक नहीं जगे हैं।उन्हें अभी तक यह ज्ञान नहीं हुआ है कि कांग्रेस भी अंग्रेजों जैसी ही 'फूट डालो और राज करो' की नीति अपना रही है। उन्होंने जाति और वर्ग के लिए हिन्दुओं को बाँट रखा है। तुष्टिकरण की राजनीति करने वाली कॉग्रेस TMC, RJD, SP, NCP, आदि जैसी पार्टी ने सदियों से हिन्दुओं का भरपूर शोषण किया है और उन्हें अपने अधिकारों से वंचित रहा। अब समय आ गया है कि हिन्दू समूह अपनी तंद्रा से जागें और एकता के सूत्र में बँधकर एक असीम ताकत बनें और अपना वैध अधिकार प्राप्त करें (पढ़ें “विश्व में ४७ इस्लामी, १६ ईसाई, ४ बौद्ध और १ यहूदी राष्ट्र हो सकता है : तो १ “हिन्दू राष्ट्र” क्यों नहीं ?”, https://thecounterviews.com/articles/if-world-can-have-islamic-christian-nations-why-not-hindu-rashtra/) । फिलहाल मुद्दा I-N-D-I-A रूपी फरेब का है।यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि ऊँट किस करबट बैठता है।

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