नटवरलाल... गए ससुराल
दिल्ली के महातेजस्वी मुख्यमंत्री केजरीवाल जी की सार्वजनिक जिंदगी किसी जादूगर से कम नहीं है । कहाँ तो एक ओर ये अन्ना हजारे के ‘भ्रष्टाचार के प्रति लड़ाई’ में अग्रिम पंक्ति में सम्मिलित होते थे और कहाँ आज ये अपने दल और नेताओं के 'भ्रष्टाचार के समर्थन में' दिन रात संघर्षरत हैं । बेचारा... प्रवर्तन निदेशालय से बचने के तरह-तरह तरीके खोजने के बावजूद भी नहीं बच सका, आखिर ऊँट पहाड़ के नीचे आ ही गया I स्वच्छ राजनीति करने की कसम खाने वाला भ्रष्ट राजनीति करने के नए नए तरीके निकालने में माहिर हो गया (पढ़ें“Inventing Corruptions thru’ IIT Brain”, https://thecounterviews.in/articles/inventing-corruptions-thru-iit-brain/) I एक वो दौर था जब देश इस ‘IIT ग्रेजुएट और IRS का त्याग' करने वाले व्यक्ति की सच्चाई का कायल था और कहाँ आज वही IIT ग्रेजुएट भ्रष्टाचार के नए-नए आयाम तय कर जेल में आराम कर रहा है। ‘IIT वाला दिमाग’ इसे दिल्ली सरकार के भ्रष्टाचार का किंगपिन या यूँ कहिए गॉडफादर बनाकर जेल की हवा खिला ही दिया। हालाँकि हमारे श्री ४२० किसी मुकद्दमें में मुजरिम होकर जेल नहीं गए है अपितु अपने द्वारा संचालित शराब घोटाले के जाँच से बचने के लिए ED के ९ सम्मन की अवहेलना करने के लिए जेल में हैं जिसके लिए दिल्ली के उच्च न्यायालय ने भी इन्हें अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया था I अब हमारे श्री नटवरलाल दिल्ली जेल से अपना शासन चलाना चाहते हैं I इनसे तो अच्छे लालू और हेमंत सोरेन निकले जिन्होंने जेल जानें से पहले अपना त्यागपत्र दे दिया था I धन्य है हमारे नटवरलाल जी की कुर्सी की लौलुपता I
आज ऐसा माना जाने लगा है कि दिल्ली सरकार के लगभग सभी विभागों में मंत्रियों द्वारा संचालित ‘आधिकारिक भ्रष्टाचार’ चल रहा है लेकिन उनमें से किसी भी फाइल पर दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल जी के हस्ताक्षर नहीं हैं। दिल्ली का ‘शराब घोटाला हो या स्कूलों में अतिरिक्त ‘क्लासरूम घोटाला’; दिल्ली जल बोर्ड का भुगतान घोटाला हो या मोहला क्लिनिक में जाँच व औषधि का घोटाला; अवैध घुसपैठिए ‘रोहिंग्याओं को बसाने’ का मामला हो या दिल्ली में सारे ‘विकास कार्य के ठप्प’ होने का । हमारे चाहते खेजड़ी जी इन सबों में लिप्त हैं I इतना ही नहीं I अपनी अकर्मण्यता की टोपी दूसरों को पहनाने में भी ये माहिर हैं I दिल्ली में कोरोना के मरीजों का ऑक्सीजन के अभाव में मौत केंद्र सरकार के मत्थे मढ़ गए जब उन्हीं दिनों ये शराब घोटाले में व्यस्त थे I याद रहे स्वास्थ्य सेवा राज्य सरकार की जिम्मेवारी है I दिल्ली में आए बाढ़ की तबाही को ये दिल्ली के म्युनिसिपैलिटी बोर्ड के मत्थे मढ़ गए जबकि जिम्मेवारी इनकी थी I इस तरह के इनके अनेकों कारनामें हैं I ये सारे करतूत व दिशानिर्देश मुख्यमंत्री केजरीवाल जी के हैं परन्तु उन हर फाइल्स और दस्तावेजों में दस्तखत हैं उनके मंत्रियों के। यह और बात है कि अब तक उनके उपमुख्यमंत्री सिसोदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी आबकारी घोटाले में ही महीनों से जेल की खिचड़ी खा रहे हैं I कमाल के हैं हमारे नटवरलाल I
आज अरविन्द केजरीवाल बहुतेरे टीवी चॅनेल्स के विज्ञापनों में सर्वाधिक दीखनें वाले ऐसे नेता हैं जिनका रंग क्षण-क्षण बदलता रहता है। किम्वदन्ति है कि अन्ना के धरना के पूर्व इन्होंने अपने ‘ईष्ट गुरु’ गिरगिट जी की घोर तपस्या कर घड़ी-घड़ी रंग बदलनें की कला पाने का ‘वर’ माँगा था और इनके गुरु ने प्रसन्न होकर आशीर्वाद भी दिया था... 'एवमस्तु' ! आज वही गिरगिट रंग बदलनें चतुराई और कला में माहिर हमारे नटवरलाल जी को अपना गुरु मानने लगे हैं।
हमारे नटवरलाल सचमुच बहुत ही बड़े कलाकार हैं। ये आज भी अपने आप को गांधी भक्त मानते हैं लेकिन एक ओर जहाँ गांधीजी कहते थे ‘सदा सच बोलो, हमारे केजरीवाल ‘हर झूठ इतनीं सहजता से बोल लेते हैं कि गांधी जी की आत्मा को भी शर्म आती होगी, लेकिन इन्हें नहीं’। राहुल गांधी को भी जरूर लगता होगा कि झूठ बोलने में उनको भी मात देने वाला यह महाधूर्त कहाँ से आ गया I झूठी बातें, झूठी कसमें, झूठे वादे… चाहे वह स्वयं के लिए हो या अपनी 'आप' सरकार के लिए, इस बहुरूपिए के सफलता की कुंजी है। चुनावी वादे तो ये ऐसे कर जाते हैं जैसे सारे संसार का खजाना इन्ही का हो । ये देश की जनता को सबकुछ मुफ्त में देने के चुनावी वादे चुटकी भर में कर जाते हैं I क्या फर्क पड़ता है उन वादों को अगर पूरा न भी किया जाए तो । ये मुफ्त में बिजली, मुफ्त में पानी, मुफ्त के जनसंचार, मुफ्त में हर औरतों के खाते में २००० रूपये प्रति माह जैसे और कितने ही झूठे वादे कर जाते हैं I अगर जनता इनके धोखे में आकर इन्हें वोट दे भी दे तो फिर बड़े आसानी से यह कह कर झिड़की मार जाते हैं "मैनें ऐसा तो नहीं कहा था कि सारे वादे पूरा करूंगा ही ।
अन्ना हजारे का यह चेला बड़ा ही शातिर हो चला है। ये फ्री की रेवड़ी ऐसे चतुराई से बाँटते हैं जैसे एक के जेब क़तर कर दूसरे को टोपी पहनाना हो। घोटाले के पैसे इस खूबी से छुपाते हैं कि देश की शीर्ष जाँच एजेंसी को भी चक्कर में डाल झुनझुना दिखा देते हैं (पढ़ें https://thecounterviews.in/articles/toy-in-the-locker/)I इनके पार्टी प्रवक्ता शान से कहते हैं कि जाँच एजेंसी को चौवन्नी भी नहीं मिली फिर भी इन पर आरोप लगा रहे हैं I हमारे नटवरलाल जी सीना ठोक कर गुजरात की चुनावी भाषण में सच ही कहते थे कि फ्री की रेवड़ी बाँटने की यह कला सिर्फ उनके ही पास है जिसके चलते ये और इनके पार्टी के अन्य शीर्ष नेता जेल की हवा खा रहे हैं ।
इनके अनेकों रूप और अनेकों आकार हैं। हमारे कुछ धर्म-ग्रंथों में इस बात का जिक्र है कि निशाचरों में रंग-रूप, आकार-प्रकार बदलनें की कला होती थी लेकिन सिर्फ निशा या रात्रि में I लेकिन हमारे के कलाकार को जब भी जरूरत हो अपना रूप-रंग आसानी से बदल लेते हैं। अभी हाल ही में ये अपनी पार्टी को I-N-D-I-A नामक गठबंधन में जोड़, अपने चिर प्रतिद्वंदियों के साथ शामिल हुए हैं I जो अन्ना के शागिर्द पानी पी पी कर पहले लालू यादव, सोनिया गांधी, ममता बनर्जी या शरद पवार आदि को भ्र्ष्ट कहते थे, आज उनके ठगबंधन में शामिल हो उन्हीं के गोद में जा बैठे हैं I इसके कुछ फायदे भी हैं जैसे जेल में जानें के बावजूद भी उन जाने माने भ्रष्टाचारियों का केजरीवाल के पक्ष में बोलना I आज देश के सारे राजनैतिक चोर एक स्वर में बोलते हैं (पढ़ें "चोर मचाए शोर" https://thecounterviews.in/articles/chors-yelling-loud/) I हाँ ! एक बड़ा फायदा अवश्य हुआ है I जेल जानें का अपना विक्टिम कार्ड खेलना ये कभी नहीं चूकते I इनकी चमड़ी इतनी मोटी हो गयी है कि कोई कुछ भी कहे, इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। जय हो हमारे AAP-के कलाकार केजरीवाल उर्फ़ नटवरलाल की। उन्हें अपना नया ससुराल मुबारक हो I